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Monday, 22 May 2017

Zakir Naik

" डॉक्टर ज़ाकिर नाईक "

भारत में हमेशा से ही महापुरुषों का जन्म होता रहा है जिनमें आधुनिक युग के विश्व विख्यात इस्लामी विद्वान डॉक्टर ज़ाकिर नाईक पर देश को गर्व है। ऋषियों मुनियों और सूफ़ियों सन्तों के इस महान देश को जब से साम्प्रदायिकता वादियों ने अपने चंगुल में जकड़ा है और दुर्भाग्यवश इन्हीं लोगों की सरकार भी बन गई है, तभी से देश का पूरा तन्त्र रक्षा, विकास और महिलाओं की सुरक्षा जैसे आवश्यक कार्यों को नज़रअन्दाज़ करके केवल मुसलमानों के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार और विभिन्न प्रकार की साज़िशें रचने के एकसूत्रीय कार्यक्रम को अंजाम देने में लगा हुआ है इसीलिये इस महान विद्वान को मुसलमान होने के कारण मुस्लिम विरोधी साज़िश का शिकार होकर देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।
डॉक्टर ज़ाकिर नाईक धर्म की बात करते हुए यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि जो बुनियादी बातें वेदों, पुराणों और उपनिषदों आदि हिन्दू धर्म ग्रन्थों में कही गई हैं वही पवित्र क़ुरआन में भी लिखी हुई हैं। इस पर यदि निष्पक्ष होकर विचार करें तो सही अर्थों में यही बात हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को क़ायम करने की कुंजी है और चूँकि हिन्दू मुस्लिम भाईचारे का क़ायम होना साम्प्रदायिकता वादियों के पूरे मिशन को नाकाम करने वाला साबित हो सकता है इसीलिये डॉक्टर ज़ाकिर नाईक जैसे महान विद्वान के जीवन को उनके अपने ही देश में असुरक्षित कर दिया गया और उनको विदेश में शरण लेनी पड़ी है।
देश की सरकार इन्ही साम्प्रदायिक तत्वों के क़ब्ज़े में है। इनके नेताओं द्वारा अपने समाज को मुसलमानों के प्रति दुर्भावना ग्रस्त करने के मक़सद से जिन कथनों, वाक्यों व नारों के ज़रीये से समझाया गया है वही इनकी विचारधारा है जो इनको मानवता की सीमा से बाहर करती है।
देश के संविधान द्वारा दिये गए किसी भी आस्था और धर्म को अपनाने के अधिकार का प्रयोग करके यदि कोई हिन्दू इस्लाम धर्म अपनाता है तो सरकारी संरक्षण में काम कर रहे साम्प्रदायिकता वादियों के गुण्डा दल दंगा फ़साद करके मुसलामानों को प्रताड़ित करते हैं जबकि दूसरी ओर मुसलमानों को तरह तरह के लालच देकर और डरा धमका कर यह गुण्डा दल धर्मान्तरण के लिये मजबूर करते हैं और उसको घर वापसी कह कर प्रचारित करते हैं।
यदि कोई हिन्दू लड़की इस्लाम धर्म अपनाने के बाद इस्लामी शरीयत के अनुसार किसी मुस्लिम लड़के से विवाह करती है तो उसको लव जिहाद कह कर माहौल ख़राब करते हैं।
इस लव जिहाद पर एक प्रतिष्ठित नेता का तो देश के क़ानून का मज़ाक़ उड़ाने वाला बयान मौजूद है जिसमें वह कहता है कि, “हमने फैसला किया है कि अगर वे एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करवाते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाएंगे।”
इसी प्रकार कभी मुस्लिम मुक्त भारत बनाने का आह्वान किया जाता है तो कभी खुले आम मुसलमानों को देश से निकल जाने की धमकी दी जाती है।
देश में क़ानून के साथ खिलवाड़ करने का यह हाल है कि जिस नेता ने अपने विचारों की गन्दगी को ज़ाहिर करते हुए यह कहा था कि, “अगर उन्हें अनुमति मिले तो वो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा देंगे।” तो उसको एक प्रदेश का मुख्यमन्त्री बना दिया गया।
देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ जिस तरह का माहौल बनाया हुआ है, उसका अन्दाज़ा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक साधू वेश धारी महिला नेता डॉक्टर ज़ाकिर नाईक के ख़िलाफ़ दुर्भावना वश लगाए गए झूटे आरोपों की प्रतिक्रिया में कहती है कि जो शख़्स भी सऊदी से डॉक्टर ज़ाकिर नाईक का सर काट कर लाएगा और देश के सबसे ऊँचे पेड़ पर टांगेगा उसको वह इक्यावन लाख रुपये का इनाम देगी। इस प्रकार यह साबित हो गया कि भारत में जिस तरह मस्जिदें सुरक्षित नहीं हैं और आम मुसलमान भयभीत है उसी तरह मुस्लिम विद्वान व बुद्धिजीवी भी असुरक्षित हैं।
ऐसे हालात में देश के ग़ैर साम्प्रदायिक हिन्दुओं और मुसलमानों के दिलों पर राज करने वाले इस इस्लामी विद्वान, जिसके विदेशों में भी करोड़ों चाहने वाले मौजूद हैं, को अनेक देश अपनी नागरिकता देकर गौरवान्वित होना चाह रहे हैं। ताज़ा समाचार के अनुसार सऊदी अरब की सरकार ने इस महान विद्वान को अपने देश की नागरिकता देकर सारी दुनिया के सामने भारत का सर शर्म से झुका दिया है और भारत के मुस्लिम विरोधियों से इस विद्वान की जान बचाने का प्रबन्ध किया है वरना भारत में तो मुसलमानों के क़ानूनी क़त्ल की परम्परा भी क़ायम है।

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